PM Pranam Scheme |
PM Pranam Yojana 2023: जाने किसानों की इस शानदार योजना के बारे में!
PM Pranam Scheme: दोस्तों केंद्र सरकार ने पिछले 9 वर्षों से भारत की जनता के लिए बहुत से ऐसे निर्णय लिये हैं। जिसका लाभ उन सबको मिला हैं। ऐसे ही किसानों के हितों में उनकी आय को दोगुना करने के लिए भी प्रतिबद्धता सरकार ने जाहिर की थी। जिसको लेकर वह अपने हर एक कदम को आगे बढ़ाते जा रहे हैं। उन्ही में से एक कदम पीएम प्रणाम योजना 2023 को कैबिनेट की मंजूरी देकर इसका शुभारंभ कर दिया गया है।
आज के अपने इस आर्टिकल में हम आपको PM Pranam Yojna 2023 से संबंधित पूरी जानकारी देंगे और साथ में यह भी बताएंगे कि इस योजना का लाभ राज्य के किसानों को कैसे मिलेगा? आखिर क्यों इस योजना को लाने की जरूरत केंद्र सरकार को पड़ी? सब बातों को आज के अपने इस आर्टिकल में विस्तारपूर्वक आपके समक्ष रखेंगे। आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
आखिर क्या है PM Pranam Yojna 2023
दोस्तों भारत सरकार ने पिछले बुधवार को एक कैबिनेट मीटिंग की। जिसमें सभी की सहमति जताते हुए PM Pranam Yojna 2023 को मंजूरी दे दी है। मंजूरी मिलने के बाद 29 जून 2023 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार की तरफ से प्रतिनिधि ने इस योजना के बारे में जनता के समक्ष विस्तार पूर्वक रखा। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत रसायनिक उर्वरकों को कम करना और वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देना है। जिससे कि किसानों की लागत मूल्य में कमी आएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि पीएम प्रणाम योजना एक प्रोत्साहन योजना है। इस योजना के तहत सब्सिडी के रूप में जितना भी पैसा बचेगा, उसका 50% राज्यों के दिया जाएगा। ताकि वह किसानों के हित में कार्य कर सकें।
इसके साथ ही प्रकृति को रसायनिक खाद्यों से बचाने में भी मदद मिलेगी। इस योजना को लेकर मोदी सरकार की कैबिनेट बड़ी ही सचेत रूप से कार्य कर रही थी। जिसको अंतिम ड्रामा पहनाकर भारत के किसानों के सामने और जनता के सामने समक्ष किया गया हैं। इस योजना के दौरान प्रधानमंत्री कार्यक्रम में धरती माता का पुर्नवास यानी कि धरती माता का अच्छे से रखरखाव करना, जागरूकता अभियान, पोषक और सुधार जैसे कार्यक्रमों को चलाया जाएगा।
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PM Pranam Yojna 2023 का उद्देश्य
PM Pranam Scheme का मुख्य उद्देश्य बायो उर्वरक और ऑर्गेनिक उर्वरक में बैलेंस करना हैं। जिससे कि प्रकृति को कोई नुकसान न पहुंचे। इस तरह किसान की लागत मूल्यों में भी कमी आएगी यानी किसान खेती करने में लगाए गए पैसे में कमी आएगी। जिससे किसानों को अच्छी खाद कम दामों में प्राप्त होगी। इसके साथ ही सरकार, जो रसायनिक खादों के लिए सब्सिडी प्रदान करती हैं। उसका बोझ भी सरकार के ऊपर कम होगा। इसी उद्देश्य के साथ सरकार ने पीएम प्रणाम योजना की घोषणा की हैं, जो कि किसानों के हित में मानी जा रही हैं। जो भी राज्य रसायनिक खादो का कम इस्तेमाल करेगा, उन्हें इस योजना के तहत प्रोत्साहन भी किया जाएगा।
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PM Pranam Yojna 2023 की विशेषताएं
1 - पीएम प्रणाम योजना की मुख्य विशेषता यह हैं। कि इसके लिए अलग प्रधान बजट नहीं दिया गया हैं। वित्त मंत्री सीतारमण ने साल 2023-24 के बजट में ही इसका ऐलान किया था। इस दौरान उन्होंने अपने 3 साल के बजट के लिए 3.68 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया हैं। इसके साथ ही उन्होंने किसानों को जैविक खेती के साथ जोड़ने का भी प्रवधान रखा था। इसी बजट के अंतर्गत यह योजना सरकार चलाएगी। वित्त मंत्री सीतारमण ने यह भी कहा हैं, कि अगले 3 वर्षों तक एक करोड़ किसानों को इस प्राकृतिक जैविक खेती के साथ छोड़ेंगे अर्थात उन्हें इसका लाभ पहुंचाया जाएगा।
2 - पीएम प्रणाम योजना के तहत राज्य और केंद्र शासित राज्य, अगर कम रसायनिक उर्वरक का इस्तेमाल करते हैं। तो उस स्थिति में सरकार जितनी भी रसायनिक उर्वरक के लिए सब्सिडी प्रदान करती हैं। उस सब्सिडी का बचा हुआ पैसा राज्यों को दिया जाएगा, जो कि 50% होगा। इस 50% अनुदान की राशि केंद्र सरकार राज्य सरकारों को देगी। जिससे वह इस पैसे का इस्तेमाल राज्य सरकार किसानों के हितों में कर सकती हैं।
3 - इसके साथ ही इस योजना के अनुदान का 70% राशि राज्य सरकार जैविक उर्वरक की तकनीकी को समझने के लिए और गांव और ब्लॉक स्तर के जैविक उर्वरक से संबंधित संपत्तियों को बनाने के लिए कर सकती हैं।
4 - इसके अलावा अनुदान की 30% की राशि का इस्तेमाल किसानों को प्रोत्साहन करने के लिए और गांव में और पंचायतों सर में जागरूकता अभियान चलाने के लिए किया जा सकता हैं।
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PM Pranam Yojna 2023 के लाभ
PM Pranam Scheme के लाभ जो किसानों के हित में प्रकृति हित में है। जिसका उल्लेख हम नीचे करेंगे, जो की इस प्रकार हैं।
1 - अगर किसान जैविक उर्वरक का इस्तेमाल करते हैं। तो उनकी जमीन उपजाऊ होती है और वह रसायनिक उर्वरकों के साइड इफेक्ट से भी बचते हैं।
2 - रसायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल कम करने से किसानों की खेती करने में आ रही लागत में कमी आएगी। जिसका फायदा उनको पहुंचेगा।
3 - पीएम प्रणाम योजना के तहत जो राज्य, रसायनिक खादों का इस्तेमाल कम करेंगे। उन राज्यों को उस सब्सिडी की बचत के रूप में प्रदान की गयी राशि का अनुदान प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया जाएगा। जिसका इस्तेमाल वह अपने राज्य के किसानों के हितों में कर सकेंगे।
4 - उदाहरण से समझे तो, जैसे कि अगर कोई राज्य रसायनिक उर्वरकों का 3 लाख टन इस्तेमाल करता हैं। सरकार उस पर जो सब्सिडी देती है, जो की 3,000 करोड़ रुपए हैं। तो इस स्थिति में अगर राज्य 3 लाख टन रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल कम करता हैं। तब केंद्र सरकार द्वारा दी गई सब्सिडी 3,000 करोड़ रुपए की बच होती हैं। तब उस स्थिति में इस 3,000 करोड रुपए का आधा यानी कि 50% रसायनिक पूर्वक की खपत कम करने वाले राज्यों को दिया जाएगा। जिससे वह इस राशि का इस्तेमाल कर सकते हैं।
5 - सरकार ने अपने बजट में एक करोड़ किसानों को इस योजना के तहत लाभ दिये जाने का निर्णय लिया हैं। इस तरह अगर आप भी किसान है और इस योजना के तहत प्रोत्साहन राशि का लाभ लेना चाहते हैं। तो आप रसायनिक सेवकों का इस्तेमाल कम करते हुए, जैविक या वैकल्पिक उर्वरक का इस्तेमाल अधिक करें। जिससे कि आपकी खेती अच्छी होगी और उसमें पैदा की गई खाद्य सामग्री खाने लायक और इंसानों की तंदुरुस्ती के लिए बेहतर साबित होगी।
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PM Pranam Yojna 2023 की जरूरत आखिर क्यों पड़ी?
PM Pranam Scheme को लाने की आवश्यकता इसलिए पड़ी, क्योंकि धरती हमारी माता हैं। उसकी संरक्षण करना हमारा ही दायित्व है। धरती पर बीज पैदावार करने के लिए हम जितनी रसायनिक खादों का इस्तेमाल करेंगे, उसके साइड इफेक्ट भी हमें ही झेलने पड़ेंगे। अगर हम जरूरत से ज्यादा रासायनिक खादों का इस्तेमाल करेंगे, तो हमारी मिट्टी के अंदर टॉक्सिक ज्यादा हो जाएंगे। जिससे कि भूमि के ऊपर पैदा की गई खेती के भी जहरीली उत्पन्न होने के चांसेस अधिक होंगे। एक तरह सरकार इस विषय की ओर कार्य कर रही है। कि जैविक वैकल्पिक को लाकर रसायनिक विकल्प को कम किया जाए। ताकि किसान अच्छी पैदावार करके जहरीली खाद्य सामग्रियों से बचे।
इसके अलावा सरकार हर वर्ष रसायनी उर्वरक के ऊपर लाखों-करोड़ों रुपये की सब्सिडी प्रदान करती हैं। अगर किसान जैविक खेती की और चलते हैं और उसका इस्तेमाल करते हैं। तो इस स्थिति में सरकार पर सब्सिडी का बोझ भी कम पड़ेगा। जिससे कि सरकार इस पैसे का इस्तेमाल कहीं दूसरी जगह जनता के हित के लिए कर सकते हैं। इसीलिए मोदी सरकार ने PM Pranam Yojna 2023 को लाने की जरूरत पड़ी।
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