*The Book of Enoch: The Watchers ही दुनियाँ के सभी धर्मों के देवी-देवता हैं!*

The Book of Enoch in hindi


The Book of Enoch: The Watchers ही दुनियाँ के सभी धर्मों के देवी-देवता हैं!

The book of Enoch: दुनियाँ की सबसे प्राचीन विश्वसनीय पुस्तक है। यह पुस्तक न केवल वैज्ञानिकों व पुरातत्ववेत्ताओं की जिज्ञासा का विषय है बल्कि पवित्रशास्त्र बाईबल को मानने वालों की भी जिज्ञासा का केंद्र है।

 वास्तव में यह एक यहुदी भाषाई पुस्तक है जिसे Noah के परदादा Enoch ने लिखा था। यह Noah वही है जिसने अतीत में एक विशाल नाव बनाकर जलप्रलय से प्राणियों की अलग-अलग प्रजातियों की रक्षा की थी।

 Enoch का जिक्र बाईबल के पुराने अहद्नामें की पुस्तक *उत्पत्ति में किया गया है। वास्तव में मुख्य धारा की बाईबल में Enoch के बारे में अधिक नहीं लिखा गया है। सिर्फ उसके जीवित ही सशरीर स्वर्ग में उठा लिए जाने का जिक्र किया गया है। 

  मुख्यधारा की बाईबल को संपादित करने वाले विद्वानों ने Book of Enoch को बाईबल से अलग कर दिया था, क्योंकि इसमें दुनियाँ के शुरुवाती समय के विभिन्न रहस्य और किस्से बयाँ किये गये हैं। Enoch ने इस पुस्तक को जिस ढ़ंग से लिखा है, लिखने का वो ढ़ंग इतिहासकारों और पुरातत्ववेत्ताओं के वैज्ञानिक नजरिये से मेल खाता है।

 इस पुस्तक में कामुक परियों, नरभक्षी राक्षसों, ब्रह्मांड के अलग-अलग रहस्यों और सृष्टि के अंत से संबंधित विषयों के बारे में लिखा गया है। 

Book of Enoch की केवल Orthodox churches (Ethopian churches) की बाईबल का हिस्सा मात्र है। ये Orthodox churches वास्तव में दुनियाँ के सबसे प्राचीन चर्चस हैं।

 हनोक की पुस्तक (Hanok ki pustak hindi me)

वेस्ट बेंक (पश्चिमी तट) का वो इलाका, जहाँ पर कुमरान की प्राचीन सभ्यता थी वहाँ पर कुछ चरवाहे बच्चे अपनी बकरियों को चरा रहे थे। दिन भर के समय को काटने के लिए चरवाहे प्राय: अपने आसपास पत्थरों को फैंका करते थे। तो तभी उनमें से एक पत्थर खाई के पास मौजूद एक गुफा में चला गया, जिससे कुछ टूटने की आवाज गूँज उठी।

 जब कुछ टूटने की आवाज सुनकर चरवाहे गूफा के भीतर उसे देखने के लिए गये, तो उन्हें वहाँ भीतर कुछ प्राचीन मिट्टी के घड़े मिले। तब (सन 1946 में) उन्हें यह मालूम नहीं था कि उन्होने अनजाने में इतिहास की एक बहुत बड़ी खोज कर ली है। वास्तव में उन घड़ों के अंदर प्राचीन ग्रंथ के अवशेष मौजूद थे। पुरातत्ववेत्ताओं की पड़ताल में वहाँ 900 प्राचीन ग्रंथ के यहुदी हस्तलिपियों के अवशेष मिले, जिसे Dead Sea Scrolls नाम दिया गया।

 इन्हीं प्राचीन हस्तलिपियों में से एक हिस्सा उस पुस्तक का है जिसे आज हम Book of Enoch कहते हैं।

Book of Enoch की पुस्तक के पाँच भाग हैं। जो निम्न हैं :-

*The Book of the Watchers.

*The Book of Parables.

*The Astronomical Book.

*The Dream Vision and The Epistle of Enoch.

 हनोक की पुस्तक मौजूदा प्रचलित बाईबल की व्याख्याओं से सर्वथा हटकर है। इसमें हनोक के समय की घटनाओं का आँखों देखा हाल का जिक्र किया गया है। इसमें कल्पनाओं, भावनाओं, मतांधभक्ति या सुनी-सुनाई बातों का जिक्र नहीं किया गया है, बल्कि वो बयाँ किया गया है जो कुछ हनोक ने देखा और अनुभव किया था।

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Who are the Watchers in the Bible (स्वर्ग से गिराए गए देवदूत)?

Enoch ने अपनी पुस्तक Book of Enoch में कुछ खास तरह के प्राणियों का जिक्र किया है। हनोक उन प्राणियों को The Watchers लिखता है जबकि मुख्यधारा की बाईबल में उन्हें स्वर्ग से गिराये गये दूत (Fallen Angels) कहा गया है।

हनोक लिखता है कि वास्तव में परमप्रधान परमेश्वर ने अपने सर्वोच्च धाम से विद्रोही स्वर्गीय प्राणियों को उनके प्रधान के साथ निकाल दिया था। उन्हें वहाँ से निकाल देने के बाद इस पाँचवे आयाम के ब्रह्मांड और इस पृथ्वी की देखरेख की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई। उन्हें रहने के लिए अलग-अलग स्तरों (आयामों) का स्वर्ग दिया गया।

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 शुरु-शुरु में इन स्वर्गदूतों ने अप्नी भूमिका (कर्तव्य) बहुत अच्छे ढ़ंग से निभाई, परन्तु जल्द ही ये गिराये गये स्वर्ग के दूत अपनी निष्ठा से गिर गये। परमेश्वर ने स्वर्ग के प्राणियों का इस ब्रह्मांड और पृथ्वी पर के प्राणियों से संब्ंध स्थापित ना करने की सीमारेखा निर्धारित कर रखी थी, किन्तु उन्होने वही किया जो उन्हें नहीं करना चाहिये था। 

 मनुष्यों की देखरेख करते-करते ये मनुष्यों की पुत्रियों के प्रति आकर्षित होने लगे। उन्हें यहाँ की लड़कियाँ और औरतें और उनके लंबे-काले घने बाल काफी पसंद आये। उन्हें उनकी खूबसूरती बहुत आकर्षित कर गई, और जल्द ही इन्होने यहाँ की स्त्रीयों के साथ शारीरिक संबध बनाना शुरु कर दिया। 

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शुरु-शुरु में जिन स्वर्गदूतों ने स्त्रीयों से संबंध बनाये वे गिनती में सात थे जो कि उन गिराये गये स्वर्गदूतों के प्रधान थे। एक अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये सात प्रधान दूत वही हैं जिन्हें सुमेरियन और भारतीय धार्मिक ग्रंथों में "सात महाऋषि" कहते हैं।

बाद में ये प्रधान दूत अपने 200 देवदूतों के साथ पृथ्वी पर स्त्रीयों के साथ विवाह करने के लिए उतरे थे, और उन्होनें ऐसा किया भी।

 इन सभी के बाद इन सातों प्रधान दूतों का भी मुखिया जो कि सभी गिराये गये दूतों का मुखिया था ने भी इस पृथ्वी के एक राजा की पुत्री के साथ विवाह किया था।

इस प्रकार उन्होने परमेश्वर की योजना के विरुद्ध जा कर पूरी मानवजाति को खतरे में डाल दिया, क्योंकि मनुष्य स्त्रीयों के द्वारा उत्पन्न होने वाले उनके बच्चे बहुत ही विशालकाय और खूंखार होते थे। उनमें उनकी पैतृक शक्तियाँ, ज्ञान और गुण प्रवाहित हो रहे थे। वे अपनी शक्ती में इस कदर बड़ चुके थे कि अब वे नरभक्षी बन गये थे। उन्हें मनुष्यों का लहु और उनका माँस खाना बहुत अच्छा लगता था।

 Enoch आगे लिखते हैं कि The Watchers की इस तरह की हरकतों से परमेश्वर को बहुत क्रोध आया। फिर परमेश्वर ने उन सभी 200 Watchers को पृथ्वी के किसी गहरे कुण्ड में कैद कर दिया। उस समय हनोक ही एकमात्र ऐसा मनुष्य था जो स्वर्ग और पृथ्वी के उस कुण्ड में जा सकता था जहाँ Watchers कैद किये गये थे। उसे पृथ्वी, स्वर्ग और अधोलोक में जाने की पूरी आजादी दी गई थी। वह परियों के साथ उड़ा-फिरा करता था।

 जलप्रलय के वक्त भी हनोक ने यह सारी घटना आसमान से नीचे की ओर निहार कर देखा था।  हनोक लिखता है कि जब यह घटना हुई तब वह आसमान में एक अग्निमय काँच से बने हुये उड़नयान में बैठ कर यह सब देख रहा था।

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 The Book of Enoch की एक अलग बात यह है कि इसमें जलप्रलय के लिए जिम्मेदार मुख्य रुप से The Watchers को माना गया था। जलप्रलय का यह दंड वास्तव में मनुष्यों के पापों के लिए नहीं था बल्कि अलग-अलग प्राणियों के (स्वर्ग और पृथ्वी के प्राणियों) एक दूसरे से शारीरिक मिलन से उत्पन्न वर्णसंकर (Corrupt breed) को दूर करना था। पृथ्वीके हर प्राणी को नस्लों के हिसाब से शुद्ध करना था। जलप्रलय के पीछे परमेश्वर की मंशा पृथ्वी को शुद्ध करने की थी। जो अप्राकृतिक हुआ था उसे मिटा कर पुन: प्राकृतिक करना था।

 जलप्रलय एक सच्ची घटना (The Watchers bible)

The Great Flood का जिक्र मुख्य धारा की बाईबल की पुस्तक Genesis के 6 अध्याय में मिलता है। इसी तरह हिन्दूओं की धार्मिक पुस्तओं में भी महाजलप्रलय के बारे में लिखा गया है।  सुमेरियन सभ्यता की धार्मिक पुस्तकों में भी Great Flood का जिक्र है। लगभग दुनियाँ की हर सभ्यता में  The Great Flood के बारे में बताया गया है। अब तो पुरातत्ववेत्ताओं ने भी अप्नी खोजों से यह साबित कर दिया है कि  The Great Flood एक सच्ची घटना है।

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The Book of Enoch में बुर्का प्रथा

 हनोक ने अपनी पुस्तक में यह जिक्र किया था कि The Watchers पृथ्वी पर की महिलाओं के खुले बालों से बहुत आकर्षित होते हैं। उन्होने यह लिखा था कि इसलिये महिलाओं को अप्ने बालों को बाँध कर रखना चाहिये या ढ़क कर रखना चाहिये।

 इसी तरह बहुत समय बाद बाईबल की नया नियम की पुस्तक मे संत पाल (Saint Paul) ने भी अपने समय की महिलाओं को अनुदेश दिये थे कि उनके बाल चर्च के अंदर ढ़के होने चाहिये।

 आगे चलकर बिल्कुल इसी तरह इस्लाम में महिलाओं को बुर्के में रहने की हिदायत दी गई है।

The Watchers सुमेरीयन ग्रंथों में 

सुमेरियन ग्रंथों में भी इन रहस्यमयी दुनियाँ के रहस्यमयी प्राणियों का जिक्र है। लेकिन सुमेरियन सभ्यता के लोगों ने इन Watchers को The Watchers की जगह Anunnaki कहा। Anunnaki का अर्थ होता है "वे जो स्वर्ग से आये हैं।" सुमेरियन लोग उन्हें अपना भगवान मानते थे। लेकिन अब आधुनिक पुरातात्त्विक वैज्ञानिक यह मानते हैं कि दरअसल Anunnaki कहो या The Watchers ब्रह्मांडीय या परब्रह्मांडीय Aliens की एक प्राचीन प्रजाति हैं जो धरती पर आईं थीं।

सुमेरियन ग्रंथों में भी इस प्रजाति के द्वारा स्त्रियों के साथ संबंध स्थापित करने, फिर उनसे एक नई प्रजाति की उत्पत्ति का और उन्हें समाप्त करने के लिए The Great Flood का भी वर्णन मिलता है।


हनोक के अनुसार मानवीय ज्ञान, तकनीक और जानकारी The Watchers की देन है

वे  Watchers ही थे जिन्होने मानवता को या यूँ कहें मानव की अलग-अलग सभ्यताओं के लोगों को तकनीकी और रहन-सहन के तरीके सिखाये थे। उन्होनें मनुष्यों को धातु प्रसंस्करण, खुदाई का काम, विज्ञान और रसायन, लिखना और पढ़ना, ज्योतिषशास्त्र, श्र्ँगार-प्रसाधन, सँगीत कला, औषधी ज्ञान, आभूषणों को तरासना, युद्ध की कला भी सिखाई थी। लेकिन बाद में ये Watchers (देवता लोग) भ्रष्ट हो गये और उन्होने पाप किये।

 मिश्र के पिरामिड भी इन्हीं Anunnaki की देन हैं। जिन्हें संभवता उन्हीं की वैज्ञानिक तकनीकि का इस्तेमाल करके बनाया गया है।

 Enoch का अग्निमय उड़नरथ

 Enoch की उस कहानी पर जरा गौर करें जिसमें उसे पृथ्वी पर से स्वर्ग में ले जाने वाले जहाज के बारे में बताया गया है। हनोक स्वयं इस कहानी का किरदार और साक्षी है जब उसे हवा में उड़ने वाले एक जहाज में ले जाया गया, जो बहुत विशालकाय था। उस जहाज के हिस्से काँच से बने थे जिसके आर-पार बहुत साफ तरीके से सितारों को देखा जा सकता था। इस जहाज के विभिन्न हिस्से Crystal के भी बने थे। अब जरा इस जहाज के Structure पर गौर करें, क्या हमें ऐसा नहीं लगता कि यह यान किसी UFO की तरह का Object हो ?

 निश्चय ही Book of Enoch में दी गई जानकारी मानवसभ्यता की उत्पत्ति और उसके विकासक्रम के बारे में दी गई जानकारी विज्ञान के नजरिये से सही है, क्योंकि वाकेई में मानव सभ्यता के विकास के पीछे इन्हीं एलियंस का हाथ है जिसे आज के आधुनिक वैज्ञानिक भी मानते हैं।

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Book of Enoch के अनुसार The Watchers हर धर्मों के मूल हैं

बाईबल और विज्ञान के मुताबिक़ The Watchers वाकेई में हर धर्मों के मूल में हैं। इस दुनियाँ में जो भी हैं उन सब की उत्पत्ति का स्त्रोत ये Watchers ही हैं। वास्तव में ये देवदूत मनुष्यों की निगरानी (Watching) के लिए रखे गये थे परन्तु कालान्तर में ये ही मनुष्यों के ईश्वर बन गये, और यह काम उन्होने बड़ी ही चालाकी और धोखे के साथ किया। पहले-पहल ये ठीक थे परन्तु बाद में बिगड़ गये।

*सुमेरियनस के धर्म की उत्पत्ति का स्त्रोत ये Anunnaki (The Watchers) हैं। 

*मिश्र के देवता भी ये Watchers ही है।

*माया सभ्यता के विचित्र देवता ये Watchers हैं।

*यूनान के ज्यूस से लेकर सभी देवता भी ये Watchers ही हैं।

*भारत के विभिन्न देवी-देवता भी ये Watchers ही हैं।

 फर्क सिर्फ इतना है कि भारतीयों ने इन Watchers के द्वारा दिये गये ज्ञान को वेदों के रुप में संग्रहीत और सुरक्षित करके रखा है। भारतीयों के पुराण भी जिनमें देवताओं का जिक्र है वो संपूर्ण रुप से इन्हीं Watchers और मनुष्यों की वास्तविक कहानियाँ हैं।

Conclusion 

आज के इस लेख में हमने The Watchers के बारे में बहुत कुछ जाना। हमने The Book of Enoch से इसका वृतांत लिया। The Watchers के बारे में हमने जाना कि इस दुनियाँ के समस्त धर्मों और ज्ञान-विज्ञान के पीछे इन्हीं का ही हाथ था। मनुष्यजाति को आदिमानव से आधुनिक मानव बनाने के पीछे इनका 70% हाथ था। इसके अलावा हमने यह भी अनुभव किया कि हमारी इस दुनियाँ या यूं कहें इस ब्रह्माण्ड और इस पृथ्वी और पृथ्वी पर के जीवों को मनुष्य सहित किसी प्राचीन एलियन प्रजाति ने बनाया है. जिन्हें हम अब भगवान या ईश्वर कहते हैं.

 आशा है कि आज का यह लेख आपको पसंद आया होगा। आगे भी बाईबल से संबंधित और गहरे रहस्यों और सच्चाइयों के बारे में लिखता रहूँगा। बाईबल से संबंधित या इस ब्लॉग के और कटेगरी से संबंधित लेखों की जानकारी पाने के लिए कृपया इस ब्लॉग के साथ जुड़े रहिये। आपके उज्ज्वल ज्ञान की आशा में आपका भाई Mukesh burbo ! धन्यवाद 


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