*क्यों आम जनमानस के लिए ज़रूरी है वेदांत दार्शन और शिक्षा?*

 

वेदांत दार्शन के उद्देश्य

 क्यों आम जनमानस के लिए ज़रूरी है वेदांत दार्शन और शिक्षा? 

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको वेदांत दार्शन के उद्देश्य के बारे में बताने जा रहे हैं। वेदांत के असली अर्थ को आज के समय में काफी कम लोग ही समझ पाते हैं। असामाजिक संगठन वेदांत के नाम पर अनेक प्रकार की गलत बातें फैलाने में लगे हुए हैं। ऐसे में ये काफी ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है कि कोई आपको वेदांत के विषय में सटीक बातें बताए और आपको सनातन धर्म के धरोहर से परिचित करवाए। 


अगर कोई व्यक्ति वेदांत के असल मतलब को नहीं जानता है तो वो इस जीवन के भंवर जाल में फंसकर ही रह जाएगा और जीवन के अंतिम लक्ष्य सत्य तक नहीं पहुँच पाएगा। यहां एक और बात बता दे कि वेदांत में किसी प्रकार का कर्मकांड या आडंबर नहीं है इसीलिए ये सभी धर्म के लोगों को पढ़ना चाहिए और अपने जीवन में अपनाना चाहिए। 

वेदांत दार्शन के उद्देश्य




वेदांत का अर्थ


प्राचीन काल में ज्ञानी ऋषियों ने कुल चार वेदों की रचना की थी। इन चार वेदों के नाम है- ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद। इन चारों वेदों के अर्थ को निचोड़कर वेदांत बना है। इसके अलावा ऋषियों ने प्राचीन समय में कई उपनिषदों की भी रचना की है। उनको भी वेदांत का हिस्सा माना जा सकता है। ये सभी वेद और उपनिषद हमें समझाते हैं कि बाहरी दुनिया को तो हम देखते हैं लेकिन अपने अंदर की हालत से हम पूरी तरह से अंजान बने हुए हैं। सात समंदर पार कौन सी घटना घट रही है इसे तो हम जानने को काफी उत्सुक और तत्पर रहते हैं किंतु खुद के भीतर कभी नहीं झांकते है। वेदांत हमें समझाता है कि हमनें इस संसार में व्यर्थ के बंधन पाल रखे है। 


इसके अलावा हमनें झूठी जिम्मेदारियां उठा रखी है। एक मनुष्य अपने भीतर कई विकार लेकर इस दुनिया में आता है। उसका सबसे बड़ा धर्म है अपने भीतर के कमजोरियों से लड़ना और उन्हें खत्म करना। उदाहरण के लिए जब कोई बच्चा जन्म लेता है तो उसके भीतर लोभ होता है, गुस्सा होता है, जलन की भावना होती है, धीरे-धीरे अपनी मां के साथ मोह भी हो जाता है। ये उस बच्चे ने इस दुनिया में आकर अर्जित नहीं किया बल्कि जन्म के साथ ही ये सभी वृत्तियां उसमें मौजूद थी। दुख की बात ये है कि इस दुनिया के अधिकांश लोग इन सभी वृत्तियों को पाले हुए ही इस दुनिया से चले जाते हैं। 


वेदांत दार्शन एक मानव को इतना समझदार बना देता है कि वो सांसारिक तौर पर भी जो फैसले करता है वो सही ही होगा। वेदांत को समझने वाला व्यक्ति अपना नफा नुकसान काफी बेहतर तरीके से समझ सकता है। वो इस बात को अच्छे से समझ जाता है कि जीवन में उसे किस चीज़ को क्या महत्व देना चाहिए। उदाहरण के लिए वेदांत के अर्थ से परिचित व्यक्ति किसी अच्छी किताब को किसी बड़ी ब्रांड के शर्ट से अधिक महत्व देगा। वो संसार से उतना ही मतलब रखेगा जितना एक आदर्श व्यक्ति को रखना चाहिए। 


वेदांत को जानने और समझने वाला व्यक्ति गलत को गलत और सही को सही कहने से बिल्कुल भी नहीं कतराएगा। वेदांत से जिस व्यक्ति का रिश्ता बन जाता है वो व्यक्ति जिस इंसान से भी रिश्ता बनाता है वो उसके लिए काफी अनुकूल होता है। साफ शब्दों में अगर कहा जाए तो वेदांत एक मनुष्य को असल मायने में मनुष्य बनाता है। 


अधिकतर लोगों को ये लगता है कि अगर वे अध्यात्म और वेदांत के रास्ते पर चलेंगे तो उन्हें साधु बनना पड़ेगा और इस संसार से खुद को दूर करना पड़ेगा। इस बात में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। एक आध्यात्मिक व्यक्ति संसार से दूर नहीं होता है बल्कि डटकर इस दुनिया का सामना करता है। वेदांत को जानने वाला व्यक्ति अन्य लोगों को भी प्रेरित करता है और अपने लिए सही काम का चुनाव करता है। 

वेदांत दार्शन के उद्देश्य




किसके लिए है वेदांत?

 

वेदांत धर्म और शिक्षा के पीछे हमारे प्राचीन काल के ज्ञानी ऋषियों का हमसे इतना गहरा प्रेम था कि अपने पूरे जीवन को उन्होंने वेदों और उपनिषदों की रचना में झोंक दिया। वेदांत हर उस व्यक्ति के लिए है जो जीवन के असल लक्ष्य को जानना चाहता है। वेदांत हर उस व्यक्ति के लिए है जो जीवन के सही अर्थ को समझना चाहता है। 


वेदांत हमें समझाता है कि हम दुख में पैदा हुए हैं और जीवन से दुख को दूर करने के लिए हमें प्रयास करना चाहिए। दुख का अंत सुख लाकर नहीं किया जा सकता है। दुख का अंत करने के लिए दुख को मिटाना होगा। अब शायद आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि यहां किस दुख की बात हो रही है। आपको बता दे कि यहां मोह, काम, क्रोध, लोभ और आसक्ति इत्यादि को दुख बताया गया है। आप चाहें कितने भी पैसे कमा ले, कितना भी सुख भोग ले इससे आपके अंदर का दुख खत्म नहीं होगा बल्कि और भी बढ़ता ही चला जाएगा। सुख को दुख को हटाने के विकल्प के रूप में नहीं देखा जा सकता है। 



अंतिम शब्द: इस लेख के माध्यम से हमने वेदांत दार्शन के उद्देश्य को बड़े ही संक्षिप्त ढ़ँग से बताया है ताकि एक साधारण आदमी भी वेदांत को आसानी से जान सके। वेदांत एक विकल्प नहीं है बल्कि जीवन की मूल आवश्यकता है। यही कारण है कि हमें इस आर्टिकल को इतने अर्थपूर्ण ढ़ँग से संक्षिप्त में लिखना पड़ा। हमें पूर्ण विश्वास है कि इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ने के बाद आप ज़रूर वेदांत के विषय में और भी जानने के लिए इच्छुक होंगे। तो इसके लिए कृपया आप हमारी इस वेबसाईट से जुड़े रहें, हम आपकी समस्त जिज्ञासाओं का उत्तर देने में प्रयासरत हैं!



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