शांति का वास्तविक अर्थ |
Peace in hindi :-आज के समय में पूरी दुनिया विनाश की ओर बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। लोगों के भीतर समझ की भारी कमी है। उन्हें नहीं पता कि उनके लिए क्या सही है और क्या गलत। इस ज़माने में जितने लोग डिप्रेशन में है और मानसिक रोगों से ग्रस्त होते जा रहे हैं उतने पृथ्वी के इतिहास में शायद ही कभी हुए होंगे। टेक्नोलॉजी ने, साइंस ने काफी ज़्यादा तरक्की कर ली है और एक औसत इंसान भी अब अच्छे स्तर का जीवन व्यतीत कर रहा है।
इसके बाद भी पूरी दुनिया में खुशहाली आने के बजाय दुख बढ़ रहा है। पूरे इंटरनेट पर लोग शांति के बारे में सर्च कर रहे हैं। इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग अपने साथ समय बिताना चाहते हैं, खुद को समझना चाहते हैं। लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है कि उनको अपने लिए समय ही नहीं मिल पाता है। दोस्तों शांति और आध्यात्मिकता काफी लंबे समय से एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। आज के समय में अधिकतर लोग अध्यात्म में सिर्फ शांति के लिए ही आते हैं। इसीलिए हमनें सोचा कि क्यों ना आज आपको शांति और शांति पाठ के बारे में बिल्कुल डिटेल में बताया जाए।
शांति माने आखिर होता क्या है?
दोस्तों हमारे समाज में अधिकतर लोग शांति शब्द का गलत इस्तेमाल ही करते हैं। उदाहरण के लिए अगर किसी के बीच कोई झगड़ा हुआ है और झगड़ा समाप्त हो जाए तो कहा जाता है कि दोनों पक्षों के बीच शांति हो गई। लेकिन यहां शांति के बजाय सुलह शब्द का उपयोग करना चाहिए। शांति इतनी छोटी चीज़ नहीं होती है। असल शांति आंतरिक शांति होती है। अब इस बात को चलिए एक और उदाहरण से समझते हैं।
अगर एक कक्षा में बहुत सारे छात्र बैठे हैं और वे शोर नहीं मचा रहे हैं तो हम कहते हैं कि क्लास में शांति है। लेकिन क्या असल में उस कक्षा में शांति है? तो इसका जवाब है बिल्कुल नहीं। जो बच्चे उस कक्षा में बिना कोई आवाज़ किये बैठे हुए हैं वे मन में शायद कोई सवाल हल कर रहे होंगे अथवा किसी ख्यालों डूबे होंगे। इसका मतलब ये हुआ कि उनके मन में लगातार हलचल हो रही है और वे बिल्कुल भी शांति के अवस्था में नहीं है। तो अब आप शायद सोच रहे होंगे कि आखिर असल में शांति होती क्या है? तो हम आपको बता दे कि शांति एक ऐसी अवस्था होती है जब बाहर की किसी भी घटना का आपके मन के ऊपर कोई बड़ा असर ना पड़े।
शांति तब होती है जब आप पूरी दुनिया को जान लेते हैं और आपको समझ आ जाता है कि ये दुनिया आपको वो चीजें बिल्कुल नहीं दे सकती है जो आप चाहते हैं। शांति तब मिलती है जब आप समझ जाते हैं कि इस दुनिया में कुछ भी हमेशा आपका नहीं रहने वाला है और आप उस चीज़ को पहले से ही पराया जान लेते हैं। जब कोई व्यक्ति शांति प्राप्त कर लेता है तो उसे भविष्य की चिंता बिल्कुल नहीं रह जाती है। शांत चित्त वाला इंसान वर्तमान में जीता है और बेफिक्र होता है।
शांति का वास्तविक अर्थ |
कैसे अध्यात्म से जुड़ी हुई है शांति?
आध्यात्मिकता एक व्यापक शब्द है जिसमें विश्वासों और प्रथाओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। इसमें प्रार्थना और ध्यान जैसी धार्मिक प्रथाएं शामिल हो सकती हैं, या इसमें स्वयं से बड़ी किसी चीज़ से संबंध शामिल हो सकता है। आध्यात्मिकता को अक्सर जीवन में अर्थ और उद्देश्य खोजने के एक तरीके के रूप में देखा जाता है। इतने भेद होने के बाद भी आंतरिक शांति और आध्यात्मिकता निकटता से जुड़े हुए हैं।
बहुत से लोग पाते हैं कि उनकी आध्यात्मिक प्रथाएँ उन्हें आंतरिक शांति प्राप्त करने में मदद करती हैं, और आंतरिक शांति अक्सर किसी की आध्यात्मिक यात्रा से भी मिल सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आध्यात्मिकता और आंतरिक शांति दोनों में आत्म-जागरूकता और आत्मनिरीक्षण का स्तर शामिल होता है।
जब कोई अपने से बड़ी किसी चीज़ से जुड़ने और अहंकार को त्यागने में सक्षम होता है, तो वह आंतरिक शांति पाने में सक्षम होता है। ध्यान एक आध्यात्मिक अभ्यास है जिसे आंतरिक शांति को बढ़ावा देने के लिए दिखाया गया है। ध्यान के माध्यम से, व्यक्ति मन को शांत करना और वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करना सीख सकता है। इससे शांति की भावना पैदा हो सकती है जो व्यक्ति को अतीत और भविष्य को भूलने और बस वर्तमान में रहने की ताकत देती है।
इसी प्रकार, प्रार्थना भी आंतरिक शांति प्राप्त करने का एक शक्तिशाली उपकरण हो सकती है। स्वयं से महान किसी चीज़ के साथ जुड़कर, व्यक्ति अपनी चिंताओं और भय को दूर कर सकता है और संतुष्टि की भावना पा सकता है। इसके अलावा, आध्यात्मिक अभ्यास लोगों को क्रोध और आक्रोश जैसी नकारात्मक भावनाओं को दूर करने में भी मदद कर सकता है। ये दोनों दुर्गुण अक्सर आंतरिक शांति में बाधा बन सकती हैं।
शांति पाठ कैसे करें?
दोस्तों शांति पाठ करना सभी के लिए बहुत आवश्यक होता है। आपको ओम मंत्र का जाप करना चाहिए जिससे आपको क्षणिक शांति मिल सकती है। गायत्री मंत्र का जाप करना भी शांति पाठ का ही एक माध्यम माना जा सकता है। लेकिन आपको इन चीजों को अपने दैनिक जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान देना होगा। शांति पाठ करने से भी ज़्यादा ज़रूरी होता है सही जीवन जीना।
जो व्यक्ति किसी दूसरे का बुरा नहीं चाहता है, लालच से दूर रहता है, मांसाहार नहीं करता है, हिंसा से दूर रहता है, अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाता है और सच का हमेशा साथ देता है ऐसा व्यक्ति हमेशा शांत ही रहता है। उसे खुद को लेकर बहुत शांति रहती है। इसीलिए हम आपसे कह रहे हैं कि शांति पाठ आपको लंबे समय के लिए फायदा नहीं दे सकता है। अगर आप सही जीवन जी रहे हैं तो आपको किसी शांति पाठ के सहारे की कोई ज़रूरत नहीं रहेगी।
अंत: दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमनें आपको Peace in hindi और शांति पाठ से जुड़ी सभी बातों को बिल्कुल डिटेल में बताने का प्रयास किया है। हमें विश्वास है कि अगर आप इस लेख को बिल्कुल विस्तार से पढ़ते हैं तो इसके बाद शांति से जुड़ी सभी बातें आपको आसानी से पता चल जाएंगी।