*क्या आपको पता है Pluto यमराज का घर (Underworld) है? (Pluto planet in hindi)*

Pluto planet in hindi


क्या आपको पता है Pluto यमराज का घर (Underworld) है? (Pluto planet in hindi)

आज के इस लेख में हम Pluto planet in hindi के बारे में जानेंगे। प्लूटो एक रहस्मयी तथा एक पैचिदा ग्रह है. समय-समय पर वैज्ञानिकों ने इसके बारे में जानने की पूरी-पूरी कोशिशें कीं हैं।  इस प्लेनेट का विषय जितना वैज्ञानिकों के साथ जुड़ा हुआ है उतना ही इसका संबंध हमारे भारतीय शास्त्रों और प्राचीन रोमन शास्त्रों से भी जुड़ा हुआ है. इसीलिए वैज्ञानिकों ने सोच-समझ कर इस अति छोटे से ग्रह का नाम प्लूटो रखा. परन्तु अब समय के साथ आधुनिक वैज्ञानिक खोजों के चलते अब इस ग्रह को ग्रह की श्रेणी से हटा दिया गया है। 

फिर भी इसकी महत्ता प्राचीन धार्मिक शास्त्रों की दृष्टि से कम नहीं होती है, क्योंकि भारतीय और प्राचीन रोमन शास्त्र यह संकेत करते हैं कि प्लूटो वाक़ेई में यमराज का घर है, जहाँ हर मृत आत्माएं मृत्यु के पश्चात जाती हैं. इस स्थान पर हर मृत आत्माओं का न्याय किया जाता है कि उन्हें उनकी मृत्यु के बाद कहाँ भेजा जाए !

  प्लूटो का अर्थ  (Pluto meaning in hindi)

प्लूटो का हिंदी में अर्थ है प्लूटोन या प्लूटो देवी, जो रोमन देवी प्लूटो से जुड़ा हुआ है। हिंदी ज्योतिष में प्लूटो ग्रह से भी जुड़ा हुआ है।


हिंदी पौराणिक कथाओं में, प्लूटो देवी को यमराज से जुड़ा माना जाता है, जो मृत्यु का देवता है और पाताल लोक के शासक भी हैं। यमराज मृत्यु को न्यायित्व करने और मृत्यु के अंत में आत्मा के भविष्य का फ़ैसला लेने का ज़िम्मेदार है। प्लूटो देवी यमराज की अन्य पत्नियों में से एक मानी जाती है।


हिंदू संस्कृति में, प्लूटो देवी को माँ काली से भी जोड़ा जाता है, जिसे मृत्यु और विनाश का प्रतीक माना जाता है। काली न्याय की रक्षा करने वाली और बुराई को मिटाने वाली शक्ति के रूप में जानी जाती है। काली की तस्वीर में उसको एक लाश के ऊपर खड़े होते हुए दिखाया जाता है, जो मृत्यु के ऊपर उसकी शक्ति का प्रतीक है.


 प्लूटो की खोज किसने की थी ?

प्लूटो की खोज के बारे में जब बात की जाती है, तो यह एक रोमांचक इतिहास का अंश है।


जब प्लूटो की खोज की गई थी, तब अमेरिकी खगोलविद सीसी टोम्बा इसकी खोज कर रहे थे। सीसी टोम्बा ने 18 फरवरी 1930 को प्लूटो को खोजा था। उस समय प्लूटो को एक नया खगोलीय शरीर माना जाता था।


हालांकि, बाद में यह पता चला कि प्लूटो सबसे छोटा ग्रह है और उसका आकार अधिकतम दर्जे से बहुत कम होता है। इसके अलावा, एक और खगोलविद, वाल्टर बाउअर्ड, ने भी प्लूटो की खोज की थी।

Pluto planet in hindi



 प्लूटो के बारे में (Pluto planet in hindi)

प्लूटो सौरमंडल का एक छोटा ग्रह है, जो धरती से लगभग 3.7 अरब मील दूर है। इसके लिए प्रथम जानकार अमेरिकी खगोलविद सीसी टोम्बॉय संबंधित हैं। प्लूटो की खोज 18 फरवरी 1930 को की गई थी।


प्लूटो का तापमान लगभग -375 डिग्री फ़ेरनहाइट तक पहुंच सकता है, जो इसे शीतल ग्रह बनाता है। इसके अलावा, प्लूटो में मौजूद मूलभूत तत्वों में मेथेन, नाइट्रोजन और कार्बन शामिल हैं।


प्लूटो की आकार और भार बड़े छोटे उल्लेखनीय ग्रहों के मुकाबले कम होते हैं। इसके बावजूद, प्लूटो एक लघुग्रह नहीं है, इसे ड्वार्फ ग्रह भी कहते हैं।


प्लूटो एक खुशकिस्मत ग्रह है जिसे नासा की विग्यान अनुसंधान मिशन New Horizons ने 14 जुलाई 2015 को गुजरते हुए देखा था। यह मिशन प्लूटो के करीब पहुंचने वाला पहला मानव उपग्रह था।


 प्लूटो ग्रह को क्यों हटा दिया गया ?

2015 में, अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने प्लूटो को डवार्फ प्लैनेट से हटा दिया था। इसके पीछे कुछ मुख्य कारण थे।


पहला कारण यह है कि प्लूटो का आकार बहुत छोटा है और इसका आकार अन्य ग्रहों से बहुत कम होता है। दूसरा कारण यह है कि सौरमंडल में बहुत से डवार्फ प्लैनेट होते हैं और प्लूटो के जैसे और छोटे भी होते हैं। इसलिए, प्लूटो को एक छोटा ग्रह माना जाना उचित नहीं था।


तीसरा कारण यह है कि नई जानकारी के आने के बाद सौरमंडल में ग्रहों की परिभाषा में बदलाव आया था। पहले जो ग्रहों को डवार्फ प्लैनेट माना जाता था, अब उन्हें एक संशोधित परिभाषा के अंतर्गत शामिल किया जाता है। इस नई परिभाषा के अनुसार, ग्रहों को उनके आस-पास घूमते हुए अन्य ग्रहों के साथ किसी न किसी रूप में अभिकल्पित करना आवश्यक होता है। प्लूटो के लिए यह नहीं होता था।


  प्लूटो ग्रह ज्योतिष 

ज्योतिष के अनुसार, प्लूटो एक शुभ ग्रह नहीं है। प्लूटो एक छोटा ग्रह है जो सौरमंडल के बाहर के क्षेत्र में स्थित है। प्लूटो ग्रह के ज्योतिषीय प्रभाव को जानने से पहले हमें प्लूटो के विशेषताओं को समझना आवश्यक है।


प्लूटो ग्रह अत्यंत ठंडा होता है। इसका तापमान अत्यधिक नीचे होता है और इसमें कोई जीव नहीं हो सकता। प्लूटो ग्रह अत्यंत दूर स्थित होता है और इससे उत्पन्न ज्योतिषीय प्रभाव कम होता है।


प्लूटो को शनि ग्रह की तरह माना जाता है। शनि ग्रह की तरह प्लूटो ग्रह भी दुख, आयु का घटना, तंत्रिका शक्तियों और गहरे अध्ययन के लिए जाना जाता है।


प्लूटो ग्रह का राशि विशेषक वृश्चिक होता है। वृश्चिक राशि एक अत्यंत गहरा राशि होता है जो सत्ता, शक्ति, प्रबल वाणी और आयु का घटना को दर्शाता है। प्लूटो ग्रह वृश्चिक राशि के साथ जब बैठता है तो इसका ज्योतिषीय प्रभाव बहुत अधिक होता है।


 प्लूटो ग्रह का रत्न 

प्लूटो ग्रह एक छोटा और ठंडा ग्रह होता है जो सौरमंडल के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। प्लूटो ग्रह को रत्न नहीं माना जाता है, क्योंकि इसके विशेषताएँ रत्नों से मेल नहीं खाती हैं। इसलिए, आमतौर पर कोई रत्न प्लूटो ग्रह के लिए सुझाया नहीं जाता है।


अगर हम अंतरिक्ष शास्त्र के दृष्टिकोण से देखें तो प्लूटो ग्रह अत्यंत दूर स्थित होता है और इससे इसकी कीमत बहुत कम होती है। इसी कारण से प्लूटो ग्रह को कोई रत्न माना नहीं जाता है।


हालांकि, कुछ ज्योतिषी लोग प्लूटो ग्रह के लिए अन्य रत्नों को सुझाते हैं। इनमें सबसे अधिक प्रभावी माने जाने वाले रत्न हैं लहसुनिया (Garnet) और अमेथिस्ट (Amethyst)।


लहसुनिया रत्न आमतौर पर लाल या भूरे रंग के होते हैं। यह रत्न प्रबल शक्तियों को जगाता है और दुख को कम करता है। इसके साथ ही लहसुनिया रत्न व्यक्ति की शक्ति बढ़ाता है और उसे आगे बढ़ने में मदद करता है।

 साराँश 

 हमने Pluto planet in hindi के इस लेख में जाना कि प्लूटो का अर्थ क्या है।  प्लूटो की खोज किसने की थी. प्लूटो के बारे में जाना।  प्लूटो ग्रह को क्यों हटा दिया गया। इसके अलावा हमने प्लूटो ग्रह के ज्योतिषिय प्रभाव के बारे में जाना, और साथ ही प्लूटो ग्रह के हमारे जीवन में पड़ने वाले बुरे प्रभावों से बचाव के लिए प्लूटो ग्रह का रत्न के बारे में भी जाना। अत: मुझे आशा है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। और अधिक ज्ञानवर्धक लेखों को जानने के लिए कृपया मेरे ब्लॉग के साथ जुड़े रहें ! 

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