अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करें ! |
अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के इन तरीकों को अपनाकर जीवन में लाए निरंतरता!
इस वर्ष के डूबते हुए सूर्य को अलविदा कहते हुए, आने वाले कल के नववर्ष की प्रेरणादाई और उत्साही सूर्योदय की उमंग की भावना के साथ, आइये हम अपने जीवन के लक्ष्य को निर्धारित करें ! इस संसार में बहुत प्रकार के जीव-जन्तु, पशु-पक्षियों का वास है और जो वो कार्य करते हैं उसे हम कर्म नहीं कहते, क्योंकि वो जो भी कार्य करते हैं वो चेतना के सबसे निचले स्तर से आता है। उसमें केवल उनका स्वार्थ निहित होता है। वो स्वार्थ भी केवल खाने और काम वासना से संबंधित होता है।
केवल मानव ही एक ऐसा जीव है जिसके चेतना का तल ऊपर के स्तर का है। मानव को जीने के लिए एक उद्देश्य की आवश्यकता होती है। उसमें कुछ कर जाने का जज़्बा होता है। मानव द्वारा किए जाने वाले कार्य को हम कर्म कहते हैं, क्योंकि वह कार्य मष्तिष्क और चेतना के उपयोग करने के बाद ही चुना गया होता है । मानव युवावस्था में प्रवेश करते-करते अपने लक्ष्य निर्धारित कर लेता है।
यदि हम अध्यात्म के नज़रिए से देखें, तो सार्थक लक्ष्य वो है जो हमारे स्वयं के भीतर से आये, किंतु आज के हमारे लक्ष्य बाहरी दुनिया से प्रभावित होकर आते हैं, इसी कारण हम उसमें अपना सर्वस्व नहीं दे पाते और हमें निराशा हाथ लगती है।
किंतु आजकल हमें लक्ष्य भी वैसे ही रखने होते हैं जैसा हमारा समाज होता है अथवा जो आज के युग में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध क्षेत्र हो उसी में हम चल पड़ते हैं। इससे समाज में प्रतिष्ठा मिलती है और अच्छा पैसा भी प्राप्त हो जाता है। ऐसे लक्ष्य का पीछा करते समय जो सबसे सामान्य तौर पर परेशानी आती है, वो है निरंतरता की कमी की। बिना निरंतरता के सफलता नहीं मिल सकती।
आइये नज़र डालते हैं कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जिनको अपने जीवन में शामिल करके आप निरंतरता आसानी से प्राप्त कर सकते हैं :-
समय सारणी बनाए- अपने दिनचर्या को एक आकार दें!
रोज़ आपको क्या करना है ये आपको दिन शुरू होने से पहले ही स्पष्ट होना चाहिए। इसके लिए आप रात को सोने से पहले ही यह निर्धारित करके सोएं की आपको अगले दिन क्या- क्या कार्य करने हैं । दिनचर्या किसी डायरी में ही रेकॉर्ड करके रखें। आपका दिनचर्या जितना लचीला हो उतना अच्छा है।
अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करें ! |
लक्ष्य को लेकर स्पष्टता !
लक्ष्य को लेकर अपने मन में स्पष्टता रखें। स्वयं के प्रति ईमानदार रहें। आप को आपसे बेहतर कोई नहीं जानता । स्वयं से प्रश्न करें की आप उस लक्ष्य के पीछे क्यों भाग रहे हैं। क्या जो आपने स्वयं को लक्ष्य दिया है उसमें आपकी रुचि थी या किसी दबाव अथवा लालच में आकर आपने अपने लक्ष्य को चुना है। यदि वो लक्ष्य आपका अपना है तो आप खुशी-खुशी उसमें जीतोड़ मेहनत करेंगे, और यदि वो लक्ष्य कहीं और से प्रभावित होकर आया है तो आप उसमें समय व्यर्थ ना करके अपने नये और असली लक्ष्य की तलाश में निकल पड़ेंगे। जब आपको आपका लक्ष्य मिल जाएगा तो संभावना बहुत कम हैं की आपको निरंतरता बनाए रखने के लिए मुश्किल हो।
प्रतिदिन स्वयं का आंकलन करे !
प्रतिदिन अगले दिन के दिनचर्या को बनाने से पहले उस दिन आपने अपने दिनचर्या का कितने अच्छे तरीके से पालन किया है वो ज़रूर देखें और आपने क्या नया सीखा और क्या गलतियां कीं, इन सारी चीजों का भी आंकलन करे ।
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