*केले के औषधीय गुण (अनुभूत प्रयोग) !*

 


 केले के औषधीय गुण (अनुभूत प्रयोग) !

केला एक संपूर्ण पौष्टिक आहार है। दुबले-पतले शरीर वालों के लिये यह एक अत्यंत उपयोगी फल है। इसका उपयोग बलवीर्य की वृद्धि करने, शरीर में मांस वृद्धि करने तथा शरीर को पुष्ट व सुडौल बनाने में खाद्य की तरह किया जा सकता है, क्योंकि इसमें आहार के सभी पौष्टिक तत्व होते हैं। इसे भोजन के साथ या अंत में खाना सबसे अच्छा तरीका है। टायफायड बुखार के रोगी के लिये, स्वप्न-दोष, परमेह और अम्लपित्त रोगी के लिये केला उत्तम एवं हितकारी आहार है। 

 आहार के रूप में केले के कई तरह के व्यंजन बनाकर प्रयोग किये जाते हैं। केले की सब्जी, बोन्डा, बिरयानी, जैम, कचौडी, बर्फी आदि व्यंजन बनाये जाते हैं। ये स्वादिष्ट तथा रुचिकर तो होते ही हैं साथ ही पौष्टिक, स्वास्थ्यवर्धक, बलवर्धक एवं रोगनाशक भी होते हैं। केले का इलायचीयुक्त शर्बत बनाकर पीने से पुरानी खांसी में लाभ होता है। केले को सुखाकर आहार के रूप में विभिन्न प्रकार से सेवन करना पुष्टिकारक होता है। केले का बेफर बनाकर नमक, कालीमिर्च मिलाकर खाने से आहार के प्रति रुचि बढ़ती है।


- Contents :-

*हृदय रोग में केले के फायदे  

*पीलिया रोग में केले के फायदे   

*बच्चों के दस्त में केले के फायदे  

*मुख के छाले में केले के फायदे 

*श्वेत प्रदर में केले के फायदे   

*योनि विकार में केले के फायदे 

*बहुमूत्र रोग में केले के फायदे 

*मधुमेह रोग में केले का प्रयोग 

*दुबलापन में केले के फायदे 

*आँतों के घाव में केले के फायदे  

*पेचिश में केले के फायदे 

*नकसीर में केले के फायदे 

*अम्लपित्त में केले के फायेदे  

*भस्मक रोग में केले के फायदे।

 केले का औषधिय प्रयोग

हृदय रोग में केले के फायदे 
   हृदय रोगियों के लिये केले का सेवन बहुत लाभदायक होता है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, दिल का दौरा पड़ने के तुरंत बाद केला सेवन कराने से रोगी की मृत्यु होने की आशंका 55% कम हो जाती है। क्योंकि केले में मैग्नीशियम धातु की मात्रा अधिक होती है जो हृदय रोगी के लिये बहुत लाभदायक होती है।
पीलिया रोग में केले के फायदे 

 केला पीलिया रोग के लिये एक अच्छी घरेलु औषधि है। पीलिया रोग में कच्चे या अधपक्के केले को, प्रतिदिन 2-3 केला खिलाने से फायदा होता है।

 बच्चों के दस्त में केले के फायदे 

 छोटे बच्चों को बार-बार दस्त हो रहा हो तो पके केले को इतना घोंटें कि वह मक्खन की तरह पतला हो जाये। फिर इसे बच्चों को चटाएं। ऐसा दिन में 3-4 बार करने से दस्त बंद हो जायेगा।

 मुख के छाले में केले के फायदे  

 मुख में छाले पड़ गये हों तो उन्हें दूर करने के लिये दो-तीन दिन तक लगातार सुबह निराहार मुख दही के साथ केला खाईये, इससे छाले ठीक हो जायेंगे।

श्वेत-प्रदर रोग में केले के फायदे 

 श्वेत-प्रदर में दो पका केला आठ ग्राम घी के साथ सुबह-शाम पंद्रह दिन तक सेवन करने से श्वेत-प्रदर दूर हो जाता है, या फिर दो केले खाकर ऊपर से शहद मिला दूध पीने से भी लाभ होता है। 

 
योनि-विकार में केले के फायदे 

 केले के गड़े के साथ आँवले का रस व मिश्री मिलाकर कुछ दिनों तक दिन में 2-3 बार खाने से योनि की खुजली दूर हो जाती है। योनिशोथ में एक पके केले को छील कर 5 ग्राम देसी घी सुबह-शाम खाने से लाभ होता है।

बहुमूत्र रोग में केले के फायदे  

 बहुमूत्र रोग में एक केला खाकर ऊपर से आँवले के रस में शक्कर मिलाकर पीयें। इससे बहुमूत्र रोग की शिकायत दूर हो जायेगी।

मधुमेह रोग में केले के फायदे  

 वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि केले के छिलके का रस मधुमेह रोग में लाभदायक होता है। कच्चे केले के छिलके उतार कर उन्हें हाथों से मसलकर लुगदी बना लें। उसके बाद आधा कप चावल की भूसी मिलाकर किसी पात्र में 2-3 दिन तक गर्म स्थान पर रख दें। इसके बाद किसी दूसरे पात्र में इसका रस निथार लें, और फिर इसी रस का सेवन करें। चाहे तो इसमें स्वाद के लिये थोड़ा-सा सेंधा नमक और चुटकी भर काली मिर्च पावडर मिला सकते हैं।



 दुबलापन में केले के फायदे  

 दुबले-पतले शरीर वाले लोगों को शरीर को ह्र्ष्ट-पुष्ट करने के लिये नियमित दो-तीन महिने तक दो केले खाकर ऊपर से दूध पीना चाहिये।

आँतों के घाव में केले के फायदे  

 कच्चे केले की सब्जी खाने से आँतों के घाव ठीक हो जाते हैं। यह कृमिनाशक भी है। शरीर के बाहरी घाव पर केले के पत्ते पर हल्का-सा तिल के तेल का लेप करके बाँध दें, इससे घाव जल्दी भरता है।

पेचिश में केले के फायदे  

 पेचिश व दस्त में अच्छे पके केले को आधा कप दूध के साथ दिन में तीन बार सेवन करें। इसमें केले का सूप भी लाभकारी है।

नकसीर में केले के फायदे  

 नकसीर फूटने पर केले की जड़ का रस निकाल कर 30-30 मि.ली. की मात्रा में 3-4 बार पीयें। 

अम्लपित्त में केले के फायदे 

 केले के पत्ते एवं तने को जलाकर भस्म बना लें। इसे 5 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से अम्लपित्त रोग में आराम मिलता है, या फिर केले का शर्बत 2-2 चम्मच दिन में 3-4 बार लेने से भी लाभ होता है।

भस्मक रोग में केले के फायदे  

 तीन कच्चे केले लेकर उसे छीलकर काट लें। इसे 20 ग्राम भैंस के घी में भूनकर सुबह-शाम खायें। इससे भस्मक रोग से छुटकारा मिल जाता है, अथवा केले के तने का रस निकालकर 10-10 ग्राम सुबह-शाम पीने से तीक्ष्ण-अग्नि (भस्मक-रोग) अपनी सम अवस्था में आ जाती है और भस्मक रोग दूर हो जाता है।

*यह जानकारी इंटरनेट तथा अंयंत्र उपलब्ध सामग्रियों से अर्जित की गई है। अत: लेखक इसके नकारात्मक प्रभाव का जिम्मेदार नहीं है !*




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