पारिवारिक मसले और हल! (पति और पत्नी)
परिवार हो या समाज इन रिश्तों की बुनियाद प्रेम व विश्वास पर आधारित होती है। बिना प्रेम व विश्वास के कोई भी रिश्ता नहीं बनता। एक समय था जब रिश्तों की बुनियाद प्रेम और विश्वास, दोनों पर आधारित होती थी। परन्तु आज समय ऐसा आ गया है कि अब रिश्तों की बुनियाद या तो प्रेम पर आधारित होती है या फिर विश्वास पर। इसका परिणाम यह निकलता है कि रिश्ते यदि प्रेम ही पर आधारित हों तो विश्वास की अनुपस्थिति के कारण रिश्तों में दरार पड़नी शुरु हो जाती है, और यदि रिश्ते विश्वास पर आधारित हों तो प्रेम की घटी के कारण जीवन में निरसता आने से सम्बंध टूटने शुरु हो जाते हैं। अधिकांशत: पारिवारिक रिश्तों के टूटने के पीछे ये ही कारण निहित होते हैं। इसलिये हमें रिश्तों को बनाये रखने के लिये उसकी आधारशिला प्रेम और विश्वास, दोनों पर आधारित रखनी चाहिये। फिर भी यदि हम ऐसा न कर सकें, या फिर परिस्थितियां हीं कुछ ऐसी हों जिनके कारण हमें हमारी जिन्दगी में ये दोनों ही तत्व एक साथ न मिल पाये हों तो ऐसी स्तिथि में हम केवल अपने स्वयं के भद्र व शालीन व्यवहार तथा विश्वासपूर्ण प्रेमी व्यवहार से रिश्तों को कायम रखने की कोशिश करनी चाहिये। परन्तु यदि फिर भी ऐसा करने का अवसर न मिले और रिश्तों में धोखा पाया जाये तो हमें स्वयं की रक्षा के लिये कानूनी दांव-पेच तो सीखने ही चाहियें ताकि सही व्यक्ति होने पर हम स्वयं की रक्षा कर पायें और व्यर्थ के कानूनी शिकंजों के जाल से स्वयं का बचाव कर निकल पायें।
*यदि किसी की बीबी उसे धोखा देकर किसी दूसरे से विवाह कर ले!
1. यदि बीबी की इच्छा के विरुद्ध कोई ऐसा घृणित कार्य करे तो उसे किसी भी कीमत में छोडा नहीं जाना चाहिये। उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी युद्ध लड़ा जाना चाहिये।2. यदि बीबी ने स्वयं की इच्छा से ऐसा घृणित कार्य किया हो तो ऐसी विकट स्तिथि में सर्वप्रथम अमुक व्यक्ति को चाहिये की वह पर्याप्त संदेहात्मक साक्ष्यों के आधार पर 24 घन्टे के बाद अपने निकटतम पुलिस-चौकी में उस स्त्री के प्रति रपट दर्ज करे।
3. यदि उसकी गुमशुदगी लम्बी है तो अपने वृत के प्रशासनिक अधिकारी *SDM के पास जाकर उस स्त्री के खिलाफ *Search warrant जारी किया जाना चाहिये। ध्यान रहे इस हेतू *पुलिस अधीक्षक (S.P.)के पास नहीं जाना चाहिये। उस स्त्री की लोकेशन ट्रेस करते ही *SDM से सर्च वारंट ले कर अपने निकटतम पुलिस चौकी के प्रभारी से बात कर पुलिस कर्मचारियों के साथ उस स्त्री को रंगे-हाथ पकड़ने के लिये अपने स्वयं के खर्चे वहन करके साथ जाना चाहिये। क्योंकि यह विषय एक *पारिवारिक मसला है।
4. उस स्त्री का अमुक व्यक्ति के साथ पकड़े जाने पर पुलिस उन पर कानूनी धाराएं जड़ेंगी, और इस प्रकार धोखा खाया व्यक्ति उन दोनों धोखे-बाजों से स्वयं निर्धारित हर्जाना वसूलगी का दावा कर सकता है।
5. परन्तु यदि परिस्थिती इसके विपरित हो, वह स्त्री भागने के बाद अपने तथा उस अंजान व्यक्ति के बचाव के लिये वापिस आकर निकटतम थाने में हाजिरी दे दे और कहे कि 'मैं तो भागी ही नहीं थी, मैं तो फलां रिश्तेदार के घर पर थी; और आपके कहने पर भी वह आपके साथ आपके घर और आपकी जिंदगी में वापिस न लौटना चाहे तो उसे वहीं से तुरंत पकड़ कर या तो *ग्राम-पंचायत के संम्मुख ले जाना चाहिये ताकि उसका बयान वहाँ गवाहों के साथ दर्ज किया जाये, या फिर वहीं पुलिस चौकी में 2-3 गवाहों के हस्ताक्षर के साथ उसके बयान को दर्ज करना चाहिये और हो सके तो तत्काल उस स्त्री से तलाकना ले लेना चाहिये। इस प्रकार भविष्य में संम्मुख आने वाली व्यर्थ की कानूनी मकड़जालों से स्वयं की रक्षा की जानी चाहिये।
6. परन्तु यदि वह स्त्री कहे कि मैं माइके में ही रहना चाहती हूँ, तो 2-3 गवाहों के हस्ताक्षरों सहित उसे मायके में जाने देना चाहिये। फिर कुछ समय बाद रिश्तों को पुन: जोड़ने की व्यक्तिगत कोशिश करनी चाहिये।
7. यदि वह स्त्री अपने माइके से भी पुन: उसी व्यक्ति के साथ भाग जाये तो ऐसी परिस्थितियों में गवाहों के आधार पर उस स्त्री के खिलाफ *SDM से अरेस्ट वारंट जारी करवाया जाना चाहिये।
8. पर यदि वह स्त्री अपने भागोड़ेपन को छिपाने की और अन्य विवाह किये जाने की दशा को बड़े ही कपट-पूर्ण ढंग से छिपाये रखे तथा माइके में दीर्घकालीन अनुपस्थित रहे, तो ऐसी स्तिथि में उस स्त्री को धोखा खाये व्यक्ति के द्वारा अपने स्वयं के पंचायत कार्यालय से 2 बार बुलावा पत्र भिजवाया जाये। यदि वह स्त्री इसे नजरन्दाज करे तो वकील के द्वारा 2-3 बार *लिगल-नोटिस भिजवाया जाना चाहिये। अगर वे वकील के द्वारा भेजे गये लीगल नोटिस को भी नजरन्दाज करे, तो उस स्त्री लो उसी वकील के द्वारा गुमशुदा घोषित कर देना चाहिये, अर्थात अखवार में उसकी गुमशुदगी की रपट देनी चाहिये। उसके उपरांत उस व्यभिचारिणी व धोखेबाज स्त्री से पीछा छुड़ाने के लिये और अपना नवीन शांतिपूर्ण जीवन आरम्भ करने के लिये उससे *वन-वे* तलाक पा लेना चाहिये। क्योंकि जो स्त्री बिना कोई कारण बताये लगातार 6 महिने तक अपने पति से दूर रहती है, और उसके बुलाये जाने पर भी वह वापिस नहीं आती है, यहाँ तक की वह स्त्री *लिगल नोटिस की भी अवहेलना करती है तो ऐसी परिस्थिती में उस स्त्री की गुमशुदगी की रिपोर्ट के साथ *माननीय जज* के द्वारा *वन-वे तलाक की अनुमति दे दी जाती है।
9. परन्तु यदि वह *लिगल नोटिस के द्वारा आपके जीवन व आपके घर में वापिस ना आकर केवल कानून के संम्मुख ही वापिस आती है तो उससे उसके अब तक वापिस न आने का कारण पूछा जाये तथा शीघ्र ही तत्क्षण कानूनी लिखा-पढी की प्रक्रिया के साथ समस्यायों का हल करने की चेष्टा की जानी चाहिये।