*बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए पंचतंत्र की कहानियाँ जरूर पढ़ाएं!*

पंचतंत्र की कहानियां !


बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए पंचतंत्र की कहानियाँ जरूर पढ़ाएं! 

 संभवत: हममें से हरेक ने अपने बचपन में पंचतंत्र की कहानियां पढ़ी होंगी। लेकिन ये कहानियां अब हम भूल चुके होंगे, क्योंकि इन्हें हमारी पाठ्यपुस्तकों में हर कक्षाओं में अभी तक शामिल नहीं किया गया है. परन्तु ये पंचतंत्र की कहानियां हमारी भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं जो संपूर्ण मानवता के लिए हितकर हैं. तो ऐसी पुस्तकों को हर कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया जाना व इनके बारे में अध्ययन किया जाना अत्यंत आवश्यक हो जाता है. अगर हमें वाकई में एक आदर्श और विकसित सभ्यता का निर्माण करना है तो हमें अवश्य ही पंचतंत्र जैसी पुस्तकों के बारे में जानना और पढ़ना आवश्यक हो जाता है ! तो आइये आज के इस लेख में हम पंचतंत्र के बारे में सविस्तार से जानते हैं :- 

  पंचतंत्र का क्या मतलब होता है ?

पंचतंत्र शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ होता है "पाँच तंत्रों से मिलकर बना हुआ"। यह एक ऐसी पुस्तक है जो अपनी कहानियों के द्वारा जीवन के बहुत सारे पहलुओं को समझाती है।


पंचतंत्र की उत्पत्ति के बारे में कुछ विशेष जानकारी नहीं है, लेकिन इस पुस्तक का नाम भारत के प्राचीन संस्कृति से जुड़ा हुआ है। इस पुस्तक में लिखी गई कहानियां दुनियाभर में लोकप्रिय हैं और इसका प्रभाव भारतीय संस्कृति, समाज और व्यक्तित्व पर भी पड़ा है।


पंचतंत्र का निर्माण एक विद्वान और महान चिंतक विष्णु शर्मा ने किया था। उन्होंने इस पुस्तक के माध्यम से लोगों को अपनी समस्याओं का समाधान निकालना सिखाया और साथ ही साथ उन्हें मनोरंजन भी दिया। पंचतंत्र में लिखी गई कहानियां जानवरों, पक्षियों और मनुष्यों के बीच संवादों पर आधारित होती हैं।


   पंचतंत्र के लेखक कौन हैं ?

पंचतंत्र के लेखक का नाम विष्णु शर्मा है। लेकिन वास्तव में सभी कहानियां इनके द्वारा नहीं लिखी गईं, विष्णु शर्मा असल में इस पुस्तक के संपादक थे. विष्णु शर्मा भारतीय संस्कृति के एक प्रसिद्ध विद्वान थे. उन्होंने अपनी विद्वत्ता के साथ-साथ लोगों के मनोरंजन और संस्कृति के विकास में भी बड़ा योगदान दिया था।


विष्णु शर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के उज्जैन नामक गांव में हुआ था। उन्होंने संस्कृत भाषा, वेद, व्याकरण, धर्मशास्त्र और काव्य आदि जैसी विभिन्न विषयों में अध्ययन किया था।


विष्णु शर्मा को पंचतंत्र का निर्माता माना जाता है। उन्होंने इस पुस्तक के माध्यम से जीवन के बहुत सारे पहलुओं को समझाया था। पंचतंत्र में लिखी गई कहानियां विभिन्न विषयों पर आधारित होती हैं, जैसे दोस्ती, विश्वास, सहायता और विवेक आदि।


विष्णु शर्मा ने इस पुस्तक के माध्यम से लोगों को न सिर्फ मनोरंजन दिया, बल्कि उन्हें जीवन के विभिन्न पहलुओं से भी रूबरू करवाया। इसी कारण से यह पुस्तक आज भी लोकप्रिय है.

पंचतंत्र की कहानियां !


    पंचतंत्र कब लिखी गई ?

पंचतंत्र की रचना का समय बहुत पुराना है। यह पुस्तक प्राचीन भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण भाग है। इस पुस्तक के लेखन की अधिकतर अवधि के बारे में अलग-अलग मत हैं। लेकिन इसके लेखन के आसपास कुछ ऐसी बातें हैं जो स्पष्ट रूप से उल्लेखित हैं।


शायद पंचतंत्र की रचना 200 ईसा पूर्व के चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में हुई थी। इस पुस्तक के लेखक विष्णु शर्मा राजा आमोद वर्मा के दरबार में एक बुद्धिजीवी थे।


इस पुस्तक को विभिन्न भाषाओं में अनुवादित किया गया है और इसकी पृष्ठभूमि भी भिन्न-भिन्न हो सकती है। इस पुस्तक को समझने के लिए आवश्यक है कि इसकी रचना के बाद से अब तक के विविध वर्तमान समाजों के विचार एवं संस्कृति को भी ध्यान में रखा जाए।


इस पुस्तक में उल्लेखित कहानियों के माध्यम से जीवन के लिए अनेक कल्याणकारी संदेश दिए गए हैं। इस पुस्तक में लिखी गई कहानियां जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़ी हुई होती हैं.


    पंचतंत्र में कितनी कहानियां हैं ?

पंचतंत्र में कुल मिलाकर 86 कहानियां हैं। पंचतंत्र की कहानियां अलग-अलग विषयों से जुड़ी हुई हैं, जैसे कि, मित्रता, संयम, बुद्धिमानी, नैतिकता, शुभ सोच और शास्त्रीय विचार आदि। पंचतंत्र कहानियों के कल्याणकारी संदेश-सीख बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए उपयोगी होती हैं।


पंचतंत्र की कहानियों के माध्यम से संस्कृति के विभिन्न पहलुओं से जुड़े संदेश दिए गए हैं। इस पुस्तक के अनुसार, सफलता और समृद्धि उन लोगों के हाथ में होती हैं, जो संयम रखते हैं और स्वयं को नियंत्रित करते हैं। इस पुस्तक की कहानियों के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि नैतिकता, सत्य और अच्छाई का पालन करना जीवन में सफलता की कुंजी होता है।


पंचतंत्र की सभी कहानियां अलग-अलग चरित्रों के बीच सम्पन्न होती हैं। इन कहानियों में बहुत सारे जानवरों, पक्षियों, और इंसानों की कहानियां दी गई हैं। इन कहानियों में कुछ कहानियां बहुत लोकप्रिय हो गई हैं. 

पंचतंत्र की कहानियां !


    पंचतंत्र क्यों प्रसिद्ध है ?

पंचतंत्र में अनेक कहानियों का समावेश है। इस ग्रंथ को भारत के सबसे प्रसिद्ध कथाकार विष्णुशर्मा ने लिखा था। पंचतंत्र में संबंधित विषयों पर विविध कहानियों का वर्णन किया गया है, जो बच्चों को समझाने के लिए बहुत ही सरल तरीके से लिखी गई हैं। इसलिए, यह एक बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक ग्रंथ है।


पंचतंत्र ग्रंथ में उल्लिखित कहानियों के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं से जुड़े संदेश दिए गए हैं। इसकी विभिन्न कहानियों में संबंधित विषयों पर विविध चरित्रों की कहानियां हैं। इन कहानियों में कुछ जानवरों, पक्षियों, और इंसानों की कहानियां होती हैं, जो बच्चों के साथ-साथ वयस्कों के लिए भी उपयोगी होती हैं।


इस ग्रंथ में दी गई कहानियों में संबंधित विषयों पर उपयोग किए जाने वाले तर्क, व्यवहार, चतुराई, धर्म, अर्थशास्त्र, नीति आदि के संदेश होते हैं।


   पंचतंत्र में कितने खंड हैं ?

पंचतंत्र किताब के खण्डों (भागों को) को  "तंत्र" कहा जाता है। इस किताब में कुल पाँच तंत्र हैं, जो निम्नलिखित हैं -


मित्रभेद (मित्रों के बीच झगड़ा)

महाराज लोब्ह (शासक और मूर्ख मंत्री की कहानी)

काकोलुकीयम (दो कौएों की कहानी)

तन्त्र-विद्रवण (पंचतंत्र के प्रसिद्ध कहानियों में से एक)

हितोपदेश (मोरल इंस्ट्रक्शन वाली कहानियां)

पंचतंत्र के प्रत्येक भाग में कुछ छोटी कहानियां होती हैं, जो उन विषयों पर आधारित होती हैं जो उस भाग से संबंधित होते हैं। पंचतंत्र के इन पाँच भागों में दी गई कहानियों के माध्यम से, बच्चों और वयस्कों को एक अच्छी शिक्षा दी जाती है, जो उनके व्यक्तिगत और सामाजिक विकास में मदद करती है।


पंचतंत्र के इन पाँच भागों का संग्रह एक संपूर्ण किताब बनाता है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस किताब में दी गई कहानियां अत्यंत रोचक होती हैं, और वे शिक्षाप्रद भी होती हैं। ये कहानियां संवाद और चरित्रों के माध्यम से जीवन की बुनियादी एवं अमूल्य शिक्षाएं प्रदान करती हैं.


  पंचतंत्र की कहानियों से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?

पंचतंत्र की कहानियां हमें अनेक शिक्षाएं देती हैं जो हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। इन कहानियों के माध्यम से हम जीवन के अलग-अलग पहलुओं को समझते हैं और सही दिशा में आगे बढ़ते हैं। चलिए हम इन कहानियों से कुछ महत्वपूर्ण शिक्षाएं जानते हैं:-


सहजता से काम चलाना: पंचतंत्र कहानियों में शिक्षा अक्सर एक सरल शब्दों में छिपी होती है। इन कहानियों से हमें यह सीख मिलती है कि हमें जीवन में सहजता से काम चलाना चाहिए। हम जो कुछ भी करते हैं, उसे हमें सरलता से करना चाहिए। इससे हमें सफलता मिलती है और हम आसानी से अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पाते हैं।


भ्रम से सत्य का अनुसरण करना: पंचतंत्र कहानियों में अक्सर यह दिखाया गया है कि लोग भ्रम में रहते हुए अपने कामों को सफल नहीं बना पाते। हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने सच्चे अनुभवों का अनुसरण करना चाहिए और भ्रम से दूर रहना चाहिए।


सच्चाई और ईमानदारी: पंचतंत्र कहानियों में हमें सच्चाई का अनुसरण करने के लिए अभिप्रेरित किया गया है. हर मनुष्य को बुराई से दूर रह कर अच्छाई का अनुसरण करना चाहिये तथा मानवीय नैतिकता में कायम रहना चाहिए। इससे उसका जीवन सरल और सुखद बन सकता है !

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