*विश्व सभ्यताओं का आरम्भिक केन्द्र भूमध्य-भूमी क्षेत्र !* Beginning of the world civilizations in hindi


विश्व सभ्यताओं का आरंभिक केंद्र भूमध्य-भूमि क्षेत्र!  

 जल प्रलय से पूर्व मानवीय रिहाइश का क्षेत्र पश्चिमी एशिया, तुर्की, अनातोलिया, भूमध्य क्षेत्र जो पहले टापुओं में विभक्त ना था। यूनान, क्रीट, एजियन, पूर्वी एशिया का कुछ क्षेत्र तथा दक्षिणी एशिया के कुछ क्षेत्र ही। आरम्भिक मानव प्रारंभ में ऊपर लिखित क्षेत्रों में रहते थे। जिनमें भी सबसे प्राचीन क्षेत्रों का ज्ञान उनके द्वारा प्रारंभ में निर्मित गावों से होता है। ये गावँ इस ओर इशारा करते हैं कि प्रारम्भिक मानव मूल रूप से युरोप, पश्चिम एशिया व पूर्वी एशिया, भूमध्य भूमि क्षेत्रों में रहता था। उदाहरण के तौर पर, मल्ललाह (उतरी इजराइल) लगभग 11000 BP, तेल मुरेबित (सीरिया) सुबेरदे, तुर्की, केयोनू, जेरिको, जार्मो, क्रीट, साइप्रस, बीघा- जार्डन, कताल हयुक- ईराक, एजियन, चीन के हेनान प्रान्त के यान्ग्शओ में। किन्तु इन सब में भी मूल रूप में आरम्भिक गावों का बसना व बनना (भूमध्य भूमि अथवा पश्चमी एशिया) यह दर्शाता है कि पवित्र शास्त्र बाईबल की बात सर्वदा सत्य है।
 

इन बातों के अतिरिक्त मानवों के द्वारा ही मवेशियों व पालतू जानवरों के पालने का प्रमाण मिलता है जो कि 11000 अथवा 12000 BP से पहले के नहीं। सर्व-प्रथम स्थाई रूप से कुत्ते के पालने का प्रमाण ईराक मे पालेग्वरा 12000 BC में मिलता है अर्थात ईराक में 12000 वर्ष पूर्व। ये बातें भी इसी ओर इशारा करती हैं कि स्थाई रूप में एक सुनियोजित डंग से  पशुओं को पालने का क्रम मानवों के द्वारा ही किया गया। सम्भवता यह भी सत्य हो की मानव समान दिखने वाले नस्लों ने भी यही डंग अपनाया हो! किन्तु अब (मानवों की) संस्कृति सभ्यता बनाने के क्रम की यात्रा कर रही थी जिसे जल-प्रलय ने शहरी सभ्यता में तब्दील ना होने दिया।
 

अध्याय 10:1-32- इन्ही दिनों नूह के पुत्रों की सन्तानें बडीं और मेसोपोटामिया तथा मिश्र की घाटी में फैल गई। यह घटना  4196 ईसा पूर्व से 3900 ईसा पूर्व के बीच की हैं। नूह 3600 ईसा पूर्व तक जीवित रहा। उसके बाद उसकी सन्ततियों ने उवेद काल में संसार में पहली बस्ती का निर्माण किया। इसी काल में मूर्तिकला तथा मंदिरों एवं भवन निर्माण कला की शुरुवात हुई, क्योंकि इससे पहले लोग भित्ति-चित्र और पाषाणों पर लिखा करते थे. मेरी राय में इसी काल में निसन्देह यहाँ से कुछ घराने मिश्र की ओर पलायन कर गये अर्थात हाम वंशी और शेम वंशी। इस काल के तुरन्त बाद सम्भवता 3600 ईसा पूर्व मे ऊरुक काल शुरु होता है। इसी काल में ऊरुक के कुल्लाव के द्वारा (राजा एन्मेरकर) सर्व-प्रथम लिपी (शब्द) का आविष्कार किया गया। जिसे आगे चल कर अन्य कबीलों ने (जैसे मिश्री आदि) धारण किया  और फिर उसका विकास किया- 3100 ईसा पूर्व। (चीन की परवर्ती शांग वंश ने 1500 ईसा पूर्व के पश्चात लिपी को ईरानियो से सीखा और इसी आधार पर मौलिक विकास किया।)


इस काल मे मेसोपोटामिया के लोग इक्कठे रहते थे (विभिन्न घराने के लोग)। जिस काल में लेखन कला का उद्भव हुआ उसी काल में प्रथम राजवंश शुरु हुआ। ऊरुक मे ही पहला बडा शहर निर्मित हुआ। आगे चलकर ऊरुक में संसार का पहला पराक्रमी वीर हुआ, जिसका नाम था- निम्रोद।

अल्पकालिक जम्दात नसर युग में 3100-2900 ईसा पूर्व के अन्तिम चरण मे पहला पराक्रमी वीर, बाईबल ओल्ड-टेस्टामेंट- राजा निम्रोद हुआ था।
 

इस काल में ऊरुक के स्थापत्य रूपों (भवन निर्माण एवं मूर्तिकला निर्माण, मसलन मंदिरों) को त्याग दिया गया था। तभी से नगर राज्यों का उदय हुआ। ऊरुक में कीश का शासन चला। जो सम्भवता 2300 से 2000 ईसा पूर्व तक चला। 2000 ईसा पूर्व में ऊरुक का पतन शुरु हुआ अर्थात अक्क्दियों के स्थान पर 1600 ईसा पूर्व में केसाइट जाति आ गई जो 1150 ईसा पूर्व तक कायम रही। फिर असिरियाई 600 ईसा पूर्व तक कायम रहे और फिर 539 ईसा पूर्व से 330 ईसा पूर्व तक ईरान की अक्कामेनिद जाति इस साम्राज्य में काबिज रही। तत्पश्चात 330 ईसा पूर्व में सिकन्दर ने बेबिलोनिया पर विजय प्राप्त की (ऊरी सभ्यता का अन्तिम रूप)।




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